No Fuel For Old Vehicles Rule Hindi : आज के युग में लगभग हर घर में लोगों के पास वाहन उपलब्ध हैं और ऐसे में दिन पर दिन प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है। इसी बीच दिल्ली सरकार की ओर से वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए एक बेहद ही सराहनीय कदम उठाया जा रहा है, क्योंकि दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि 1 जुलाई 2025 से राजधानी दिल्ली में जो भी पुराने वाहन हैं, उन्हें डीजल, पेट्रोल और सीएनजी नहीं दिया जाएगा।
क्योंकि समस्या लगातार बढ़ रही है और इस फैसले से प्रदूषण की स्थिति में काफी हद तक सुधार होने की उम्मीद है। यह फैसला उन वाहनों पर लागू किया जाएगा जो तय सीमा से अधिक पुराने हो चुके हैं, और यह नियम केवल दिल्ली के ही नहीं बल्कि बाहर के नंबर वाले वाहनों पर भी लागू किया जाएगा। इस लेख में पूरी जानकारी विस्तार से बताई गई है।
कैसे लागू होगा यह नियम? (No Fuel For Old Vehicles)
यदि आप यह सोच रहे हैं कि आखिर पुराने वाहनों की चेकिंग कैसे होगी, तो जानकारी के लिए बता दें कि सभी पेट्रोल पंपों पर ANPR कैमरे लगाए जाएंगे। यदि आपका वाहन पुराना हो चुका है या पुराने होने की श्रेणी में आता है, तो ANPR कैमरे की मदद से वाहन की नंबर प्लेट स्कैन कर पता लगाया जाएगा कि वह वाहन तय उम्र सीमा में है या नहीं।
यदि वाहन पुराने होने की श्रेणी में आता है, तो सिस्टम अलर्ट करेगा और पेट्रोल पंप कर्मचारी उस वाहन को ईंधन नहीं देंगे। इस तरह से प्रदूषण पर प्रभावी रूप से नियंत्रण किया जा सकेगा।
इस नियम का पालन कैसे होगा?
यदि आप यह सोच रहे हैं कि पुराने वाहनों पर जो नियम लागू किया गया है उसका पालन कैसे होगा, तो जानकारी के लिए बता दें कि सभी पेट्रोल पंपों पर एक नोटिस बोर्ड लगाया जाएगा, जिसमें लिखा होगा कि पुराने वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा।
सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से नंबर प्लेट को स्कैन किया जाएगा और तुरंत यह जानकारी मिल जाएगी कि आपका वाहन पुराने होने की श्रेणी में है या नहीं। यदि है, तो तुरंत अलर्ट मिलेगा।
पेट्रोल पंप स्टाफ को इस नियम के पालन के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे ठीक से प्रक्रिया को समझें और लागू कर सकें। यदि किसी पेट्रोल पंप पर नियम का उल्लंघन होता है, तो उस पर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 192 के तहत सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
पुराने वाहनों के लिए यह फैसला क्यों लिया गया?
पुराने वाहनों के लिए यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि देखा गया है कि दिल्ली-एनसीआर की हवा देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित मानी जाती है। ऐसे में पुराने वाहन PM 2.5 और NOx जैसे खतरनाक प्रदूषकों के बड़े स्रोत हैं।
सरकार की ओर से यह एक सराहनीय कदम उठाया गया है, क्योंकि अब एंड ऑफ लाइफ वाहनों को सड़कों पर नहीं चलने दिया जाएगा। इससे धीरे-धीरे प्रदूषण में कमी आएगी और पुराने वाहनों को हटाया जाएगा।
वाहन मालिकों के लिए चेतावनी
पुराने वाहन मालिकों को चेतावनी दी गई है कि यदि आपके पास ऐसा कोई वाहन है जिसकी तय उम्र पूरी हो चुकी है, तो आप तुरंत उसे स्क्रैप करा लें या बेच दें। क्योंकि अब यदि आप ऐसे वाहन को सड़कों पर चलाते हैं, तो जुर्माना, जब्ती और फ्यूल ब्लॉक जैसी तीनों संभावनाएं बन सकती हैं।
दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग स्क्रैपिंग का भी रिकॉर्ड रखेगा। ऐसे में समय रहते आप अपने पुराने वाहन को बेचकर दिल्ली सरकार के इस सराहनीय कदम का सहयोग कर सकते हैं, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके।
निष्कर्ष
इस लेख में दिल्ली सरकार की ओर से जो फैसला लिया गया है, वह पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में यदि आप वाहन मालिक हैं और आपके पास पुराना वाहन है, तो अब आपको सतर्क होने की आवश्यकता है।
यदि आपका वाहन 10 या 15 साल से ज्यादा पुराना है, तो 1 जुलाई 2025 के बाद राजधानी दिल्ली में ना तो उसे ईंधन मिल पाएगा और ना ही आप उसे सड़कों पर चला पाएंगे। इसलिए समय रहते आप अपने वाहन को बेच दें या स्क्रैप करा दें।
पाठकों के लिए सुझाव:
यदि आपके पास भी ऐसा कोई वाहन है जो पुराना हो चुका है और इस नियम के दायरे में आता है, तो आप उसे बेच सकते हैं या स्क्रैपिंग योजना का लाभ उठाकर नया वाहन लेने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।